shayri Secrets

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इसी तथ्य के संदर्भ में ग़ालिब कहते हैं कि चूँकि अल्लाह की ज़ात प्राचीन है इसलिए जब इस ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं था तो उसकी ज़ात मौजूद थी और जब कोई हस्ती मौजूद न रहेगी तब भी अल्लाह की ही ज़ात मौजूद रहेगी और चूँकि मैं अल्लाह सर्वशक्तिमान के नूर का एक हिस्सा हूँ और मुझे मेरे पैदा होने ने उस पूर्ण प्रकाश से जुदा कर दिया, इसलिए मेरा अस्तित्व मेरे लिए नुक़्सान की वजह है। यानी मेरे होने ने मुझे डुबोया कि मैं कुल से अंश बन गया। अगर मैं नहीं होता तो क्या होता यानी पूरा नूर होता।

जिस भी किरदार में तू कठपुतली बने, उस रंगमंच की शान बढ़ जाए, कर तो कुछ ऐसा कर!

जागना भी कुबूल है रातभर तेरी यादों में,

तेरे एहसासों में जो मजा है वो नीद में कहां।

ایویں اھدا ہیں جو بے سکونی اے ایویں اھدا ہیں جو بے سکونی اے

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं

बहुत ही सुंदर शायरी के लिए आपका धन्यवाद।

मैं लोगों से मुखातिब जल्दी नहीं होता, गर होता हूँ तब या तो दिल लगा बैठता हूँ या दिल दे बैठता हूँ।

तेरे एहसासों में जो मजा है वो नीद में कहां।

यूँ तो मैं ज़िंदा था तुमसे मिलने से पहले भी, पर जीने का मकसद तो तुमसे मिला है।

यह शायरी हर किसी से जुड़ाव महसूस कराती है क्योंकि हर इंसान ने कभी न कभी इंतजार किया है। इसके जरिए जीवन के उस पल को खूबसूरती से शब्दों में पिरोया जाता है।

अगर आए तुम्हे हिचकियाँ, तो माफ़ shayari करना मुझे,

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